(चिया के लिए)
एक नन्ही सी परी सी
या कि जूही की कली सी
.............तोतली भाषा में कुछ -कुछ बोलती
.............मुस्कान निर्मल हृदय में मधु घोलती
वह किसी मिसरी डली सी
एक नन्ही सी परी सी
लघु पाँव चंचल चंचला सी
सरित बहती निर्मला सी
............. दौड़ती आँगन में यूँ जो, तितलियाँ
............. उन्मुक्त उड़ती भर रही किलकारियां
मन लुभाती वल्लरी सी
एक नन्ही सी परी सी
अति-सुकोमल कमल मुख पर
भंगिमाएं विविधतर धर
...............लोइयां गढ़ती सी, घर में डोलती
...............अठखेलियों के स्वर्ण सम्पुट खोलती
विहँसती सूरजमुखी सी
एक नन्ही सी परी सी
शनिवार, 10 जनवरी 2009
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बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
जवाब देंहटाएंतोतली भाषा में कुछ -कुछ बोलती
जवाब देंहटाएं.............मुस्कान निर्मल हृदय में मधु घोलती
शानदार,जानदार ,शब्दों का कोमलता से प्रयोग ....
आच्छा लिखा है........ लिखते रहना मेरे भाई.
http://paharibaba.blogspot.com