१ ।
बहुत चाह है
इन दिनों
कि मैं
हवा के झोंके सा छूकर
तुम्हारी पलकों में
इन्द्रधनुषी सपने बिखेर दूँ
मेरी हथेलियों पर
अपना भार रखकर
तुम सितारों को छुओ
और मैं
तुम्हारी उड़ान का सुख
अपनी आंखों में भरूँ
२।
जब कभी
यह यहसास होता है
कि मेरी साँसों में
घुलने वाली हवाएँ
तुम्हे छू कर आयी हैं
मैं स्वयं को जमीन से
छः इंच ऊपर पाता हूँ
मेरे पैरों और जमीन के बीच
एक नर्म सी,
गुदगुदी पर्त बिछ जाती है
जी चाहता है
बस उसपर दौड़ता रहूँ
उम्र भर।
३।
हमारी हर मुलाकात के अंत में
कहा गया
तुम्हारा आखिरी शब्द
बर्फ की चादर सा
बाकी सारे शब्दों को ढँक लेता है
तुम्हारा चेहरा
मुझे उस चादर में
डूबता उतराता सा दीखता है
मैं प्रतीक्षा करता रहता हूँ
बर्फ के पुनः पिघलने का.
रविवार, 1 फ़रवरी 2009
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खूबसूरत भावः, हैं आपकी कविता में, ............
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी॥
जवाब देंहटाएंप्यारी कवितायें.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हमारी हर मुलाकात के अंत में
जवाब देंहटाएंकहा गया
तुम्हारा आखिरी शब्द
बर्फ की चादर सा
बाकी सारे शब्दों को ढँक लेता है
तुम्हारा चेहरा
मुझे उस चादर में
डूबता उतराता सा दीखता है
मैं प्रतीक्षा करता रहता हूँ
बर्फ के पुनः पिघलने का. ....
Pratap ji yun to tino kavitayen hi bhot acchi hainpr.... iske bhav jyada gahre lage....!
बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति है आपकी.
जवाब देंहटाएंयुवा शक्ति को समर्पित हमारे ब्लॉग पर भी आयें और देखें कि BHU में गुरुओं के चरण छूने पर क्यों प्रतिबन्ध लगा दिया गया है...आपकी इस बारे में क्या राय है ??
बहुत सुन्दर!
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
सुंदर कविता ,
जवाब देंहटाएंलेकिन बस कविता ही नहीं , कुछ और भी !
बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति. हम तो सपने ऐसे ही देखा करते हैं. नींद खुल जाए तो फ़िर लिख नहीं पाते. आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा भाव..सुन्दर शब्द संचयन!!
जवाब देंहटाएंbahut sundar ehasaas hai.
जवाब देंहटाएंतुम्हारा आखिरी शब्द
जवाब देंहटाएंबर्फ की चादर सा
बाकी सारे शब्दों को ढँक लेता है
तुम्हारा चेहरा
मुझे उस चादर में
डूबता उतराता सा दीखता है
मैं प्रतीक्षा करता रहता हूँ
बर्फ के पुनः पिघलने का.
बहुत सुंदर कहा आपने ..सुंदर भाव पूर्ण एहसास है इस में
वाह ! वाह ! वाह !
जवाब देंहटाएंसुंदर कोमल भाव और उतनी ही सुंदर सशक्त मन को छूने वाली अभिव्यक्ति.तीनी ही कवितायें एक से बढ़कर एक हैं.
बधाई.
ह्म्म्म...क्या कहूँ? सभी अच्छी लगी...यह तीनो कुछ ज्यादा..
जवाब देंहटाएंSUNDAR HAI .
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