आज तो हर अक्स में वो ही नज़र आने लगे हैं
नीद में भी, जागते भी, ख्वाब से छाने लगे हैं
थी कभी रंजिश बहुत ही, चल दिए थे छोडकर जो
साथ उनके लौटकर साये मेरे आने लगे हैं
बर्फ से जो जम रहे थे मेरे सीने में अभी तक
साँस से उनकी पिघलकर आस लहराने लगे हैं
थे बहुत प्यारे हमेशा साथ जो देते रहे थे
मिल गया जो साथ उनका दर्द बेगाने लगे हैं
लफ्ज आते उन्के सब नज़रे-इनायत की तरह हैं
हर्फ़ हर इक जिंदगी के आज नज़राने लगे हैं
भींगता हर एक कोना गुलशने-दिल-जान का है
उन्के होठों की नमी से फूल मुस्काने लगे हैं
जिंदगी तो जा रही थी बहुत बेमानी अभी तक
छू लिया उनकी नज़र ने आज कुछ माने लगे हैं
नीद में भी, जागते भी, ख्वाब से छाने लगे हैं
थी कभी रंजिश बहुत ही, चल दिए थे छोडकर जो
साथ उनके लौटकर साये मेरे आने लगे हैं
बर्फ से जो जम रहे थे मेरे सीने में अभी तक
साँस से उनकी पिघलकर आस लहराने लगे हैं
थे बहुत प्यारे हमेशा साथ जो देते रहे थे
मिल गया जो साथ उनका दर्द बेगाने लगे हैं
लफ्ज आते उन्के सब नज़रे-इनायत की तरह हैं
हर्फ़ हर इक जिंदगी के आज नज़राने लगे हैं
भींगता हर एक कोना गुलशने-दिल-जान का है
उन्के होठों की नमी से फूल मुस्काने लगे हैं
जिंदगी तो जा रही थी बहुत बेमानी अभी तक
छू लिया उनकी नज़र ने आज कुछ माने लगे हैं
जिंदगी तो जा रही थी बहुत बेमानी अभी तक
जवाब देंहटाएंछू लिया उनकी नज़र ने आज कुछ माने लगे हैं
.......bahut komal,arth bhare bhaw hain,nihsandeh bahut achhi rachna
गजल ! ! ! क्या बात है !
जवाब देंहटाएंबड़ी प्यारी लगी आपकी ग़ज़ल. आभार.
जवाब देंहटाएंथे बहुत प्यारे हमेशा साथ जो देते रहे थे
जवाब देंहटाएंमिल गया जो साथ उनका दर्द बेगाने लगे हैं
बहुत खूबसूरत शेर है आपका और ग़ज़ल......लाजवाब.
नीरज
जिंदगी तो जा रही थी बहुत बेमानी अभी तक
जवाब देंहटाएंछू लिया उनकी नज़र ने आज कुछ माने लगे हैं
बहुत बढ़िया खूबसूरत लिखा है आपने
waah khubsurat gazal
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी लगी....
जवाब देंहटाएंachhi gazal hai pratap ji .badhai
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर ग़ज़ल वाह वाह
जवाब देंहटाएंbadhia gazal , sunder shabdon ka prayog.
जवाब देंहटाएंप्रताप जी
जवाब देंहटाएंअच्छी ग़ज़ल है सब शेर खूबसूरत हैं