सत्य के होठों पे ताले पड़ गए हैं
चेहरे लोगों के काले पड़ गए हैं
धमनियों में दौड़ता बेरंग पानी
लाग रंग के आज लाले पड़ गए हैं
घर बहुत ही साफ़-सुथरे हैं सभी के
पर दिलों में कितने जाले पड़ गए हैं
देखना कौवे बनेंगे हंस अब तो
उनके काँधों पे दुशाले पड़ गए हैं
बैठ इतराते हैं ऊँची टहनियों पर
मुँह में गिद्धों के निवाले पड़ गए हैं
हो चुका है गर्म इतना आसमाँ कि
चाँद के पैरों में छाले पड़ गए हैं
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